"नज़र में शोख़ियाँ लब पर मुहब्बत का तराना है,
मेरी उम्मीद की ज़द में अभी सारा ज़माना है,
कई जीते हैं दिल के देश पर मालूम है मुझको,
सिकंदर हूँ मुझे इक रोज़ ख़ाली हाथ जाना है...!!!"
Original Post : https://www.facebook.com/KumarVishwasमेरी उम्मीद की ज़द में अभी सारा ज़माना है,
कई जीते हैं दिल के देश पर मालूम है मुझको,
सिकंदर हूँ मुझे इक रोज़ ख़ाली हाथ जाना है...!!!"
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