Monday, 11 November 2013

Poem by Dr. Kumar Vishwas

"कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है,
मगर धरती की बेचैनी को, बस बादल समझता है 
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ तू मुझसे दूर कैसी है 
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है...!!!"




Original Post : https://www.facebook.com/KumarVishwas

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