Saturday, 9 November 2013

Peele Panne पीले पन्ने - 20 (2)

मैं भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले
तन्हाई हूँ हर उस ख़त की, जो पढ़ा गया है बिन खोले ||

जिनके सपनों के ताजमहल, बनने से पहले टूट गए
जिन हाथों में दो हाथ कभी, आने से पहले छूट गए
धरती पर जिनके खोने और, पाने की अजब कहानी है 
किस्मत की देवी मन गयी, पर प्रणय देवता रूठ गए
मैं मैली चादर वाले उस, कबिरा की अम्रत वाणी हूँ
लुव कुश की पीर ..............................................||





Original Post : https://www.facebook.com/KumarVishwas

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