मैं भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले
तन्हाई हूँ हर उस ख़त की, जो पढ़ा गया है बिन खोले ||
हर आंसू को हर पत्थर तक, पहुचाने की लाचार हूक
मैं सहज अर्थ उन शब्दों का, जो कहे गए हैं बिन बोले
जो कभी नहीं बरसा खुल कर, मैं उस बादल का पानी हूँ
लव कुश की पीर, बिना गाई, सीता की राम कहानी हूँ
मैं भाव सूची .....................................................||
Original Post : https://www.facebook.com/KumarVishwasतन्हाई हूँ हर उस ख़त की, जो पढ़ा गया है बिन खोले ||
हर आंसू को हर पत्थर तक, पहुचाने की लाचार हूक
मैं सहज अर्थ उन शब्दों का, जो कहे गए हैं बिन बोले
जो कभी नहीं बरसा खुल कर, मैं उस बादल का पानी हूँ
लव कुश की पीर, बिना गाई, सीता की राम कहानी हूँ
मैं भाव सूची .....................................................||
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