Thursday, 7 November 2013

Peele Panne पीले पन्ने - 19

खुद से भी मिल न सको, इतने पास मत होना 
इश्क़ तो करना, मगर देवदास मत होना 

देखना, चाहना, फिर माँगना, या खो देना
ये सारे खेल हैं, इनमें उदास मत होना

जो भी तुम चाहो, फ़क़त चाहने से मिल जाए
ख़ास तो होना, पर इतने भी ख़ास मत होना

किसी से मिल के नमक आदतों में घुल जाए
वस्ल को दौड़ती दरिया की प्यास मत होना

मेरा वजूद फिर एक बार बिखर जाएगा
ज़रा सुकून से हूँ, आस-पास मत होना




Original Post : https://www.facebook.com/KumarVishwas

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